She for She ! इस कार्यक्रम की पहल Menstrual Health को ध्यान में रखते हुए की गयी । जैसा की हम सब जानते हैं की मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान शरीर से निकलने वाले खून को रोकने के लिए सैनेटरी पैड्स का इस्तेमाल करते हैं। उस दौरान हमे साफ़ सफाई का भी बहुत ध्यान रखना होता है। हमने 12 -13 साल की बच्चियों से बातचीत कर के ये समझा कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को या तो पूरी जानकारी नहीं है या पैसे के अभाव में वो गंदे कपड़े वगैरह इस्तेमाल करतीं।

                   

बात करने के दौरान हमारा ये भी मकसद था की शरीर के एक सामान्य जैविक प्रक्रिया के बारे में वो सहज महसूस करें। उनके अंदर कोई झिझक न हो। हमनें उन्हें बताया की पीरियड्स लड़कियों में होने वाली कुदरती शारीरिक प्रक्रिया है। यह बेहद सहज प्रक्रिया है वैसे ही, जैसे कि छोटे बच्चे के दांत निकलना या उसका पहली बार चलना। इसके दौरान साफ़ सफाई रखने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। अगर उचित साफ-सफाई न रखी जाए तो इंफेक्शन का खतरा हो सकता है। इससे बुखार, अनियमित पीरियड्स, खून ज्यादा आने के साथ ही आगे चलकर गर्भधारण में भी दिक्कतें हो सकती हैं।

                 

उसके बाद हमने उन्हें हर महीने सैनेटरी पैड्स देने की भी पहल की। इसके लिए सबसे पहले हमने अपने दोस्तों से हर महीने 1 पैड Donate करने का अभियान चलाया और बहुत सारे दोस्तों ने पैसे से भी समर्थन देना शुरू किया। हमने पिछले फ़रवरी से आज तक 3400 से अधिक पैड का वितरण बच्चियों और उनके घर के औरतों लड़कियों के बीच में किया है। अच्छी बात ये भी रही की उनकी तरफ से भी हमे पूरा सहयोग मिला। हम सभी औरतों को एक जगह बुलाकर पीरियड्स के बारे में बात भी करते, उन्हें समझाते हैं , उनकी परेशानियों को समझते हैं। उनकी और भी कोई ऐसी परेशानी जिसे और कहीं और साझा करने में झिझकती हैं उन्हें भी सुनते हैं। वो भी हमारे इस प्रयास से बेहद खुश हैं। हमारी टीम घर घर जाकर भी उन्हें समझाती है और जागरूक करती है। इस दौरान एक नया रिश्ता तो बना ही हैं। हम सब सौभाग्यशाली हैं की हमें ऐसे लोगों के लिए काम करने का मौका मिल रहा।

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